कारक (Karak) क्या है? इसके परिभाषा, भेद और उदाहरण - Study Friend

कारक (Karak) क्या है? इसके परिभाषा, भेद और उदाहरण

कारक हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदी भाषा में जब हम कोई वाक्य बनाते है, तो उसमे संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से कोई न कोई संबंध जरुर...
Ramesh Kumar Verma

कारक हिंदी व्याकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। हिंदी भाषा में जब हम कोई वाक्य बनाते है, तो उसमे संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से कोई न कोई संबंध जरुर होता है ऐसे संबंधो को समझाने का कार्य करता है कारक। अर्थात यह बताता है की वाक्य में संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से क्या संबंध है। 

इस ब्लॉग में हम जानेगे:-
  1. कारक किसे कहते है? 
  2. कारक के भेद है। 
  3. कारक और कारक चिन्ह या विभक्ति।  
  4. कर्ता कारक किसे कहते है? 
  5. कर्म कारक किसे कहते है? 
  6. करण कारक किसे कहते है? 
  7. सम्प्रदान कारक किसे कहते है? 
  8. अपादान कारक किसे कहते है? 
  9. संबंध कारक किसे कहते है? 
  10. अधिकरण कारक किसे कहते है? 
  11. संबोधन कारक किसे कहते है? 
  12. कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर 
  13. करण और अपादान कारक में अंतर 
  14. कारक के उदाहरण

 कारक की परिभाषा ( Case in Hindi Grammar ) 

कारक (Karak) क्या है? इसके परिभाषा, भेद और उदाहरण


संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से वाक्य के अन्य शब्दों के साथ उसका संबंध सूचित हो, उसे कारक कहते है। जेसे- श्रीरामचंद्र ने खारे जल के समुद्र पर बंदरो से पुल बँधवा दिया। इस वाक्य में 'श्रीरामचन्द्र ने' , 'बंदरो से' , 'समुद्र पर' , 'पुल' संज्ञाओ के रूप है, जिनमे इन संज्ञाओ का संबंध 'बँधवा दिया' क्रिया से सूचित होता है। इसी प्रकार, 'खारे जल के' का संबंध 'समुद्र' संज्ञा से है।

कारक का अर्थ "करनेवाला" होता है। अतः कारक का प्रधान उदेश्य कोई कार्य करना है। मतलब यह की कारक का प्रमुख संबंध कार्य ( क्रिया ) से है।

कारक के भेद या प्रकार ( Types of Case )

कारक के आठ भेद ( प्रकार ) है:-   
  1. कर्ता कारक
  2. कर्म कारक
  3. करण कारक
  4. सम्प्रदान कारक
  5. अपादान कारक
  6. संबंध कारक
  7. अधिकरण कारक
  8. संबोधन कारक

कारक और कारक चिन्ह या विभक्ति:- 

क्रम कारक का नाम कारक चिह्न (विभक्ति) उदाहरण
1️⃣ कर्ता कारक ने राम ने खाना खाया।
2️⃣ कर्म कारक को मोहन को बुलाओ।
3️⃣ करण कारक से वह चाकू से फल काटता है।
4️⃣ सम्प्रदान कारक को / के लिए मैंने दोस्त को उपहार दिया।
5️⃣ अपादान कारक से वह दिल्ली से आया।
6️⃣ संबंध कारक का / की / के यह राम का घर है।
7️⃣ अधिकरण कारक में / पर किताब मेज़ पर रखी है।
8️⃣ संबोधन कारक हे / ओ हे मित्र! मेरी बात सुनो।

1. कर्ता कारक ( Nominative Case )

⏩वाक्य में जो पद काम करनेवाले के अर्थ में आता है, उसे कर्ता कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'ने' है। जेसे- सोहन ने खाना खाया। यहाँ "सोहन" कर्ता है।

👉'ने' विभक्ति चिन्ह का प्रयोग ⟶  'ने' विभिक्त का प्रयोग निम्नलिखित स्थितियों में होता है।

(क) 'ने' का प्रयोग कर्ता के साथ तब होता है, जब एकपदीय या संयुक्त क्रिया सकर्मक भूतकालिक होती है। केवल सामान्य भुत, आसन्न भुत, पूर्ण भुत और संदिग्ध भुत कालो में 'ने' विभक्ति लगती है। जेसे- 
सामान्य भुत ⟶ राम ने रोटी खायी
आसन्न भुत ⟶ राम ने रोटी खायी है
पूर्ण भुत ⟶ राम ने रोटी खायी थी
संदिग्ध भुत ⟶ राम ने रोटी खायी होगी

(ख) सामान्यतः अकर्मक क्रिया में 'ने' विभक्ति नहीं लगती, किन्तु कुछ ऐसी अकर्मक क्रियाएं है, जेसे- नहाना, छिकना, थूकना, खाँसना - जिनके उपयुक्त भुतकालो में 'ने' चिन्ह का प्रयोग होता है। जेसे- उसने थूका। श्याम ने छिका। उसने खासा। उसने नहाया। 

(ग) जब अकर्मक क्रिया सकर्मक क्रिया बन जाए, तब 'ने' का प्रयोग होता है, अन्यथा नहीं। जेसे- उसने टेढ़ी चाल चली। उसने लड़ाई लड़ी। 

👉'ने' विभक्ति चिन्ह का प्रयोग कहाँ नहीं होता ⟶ 
(क) वर्तमान और भविष्यत कालो की क्रिया में कर्ता के साथ 'ने' का प्रयोग नहीं होता है। जेसे- श्याम जाता है। श्याम जायेगा।

(ख) बकना, बोलना, ले जाना, भूलना, समझना यधपि सकर्मक क्रियाए है तथापि इनकी उपयुक्त भूतकालिक क्रियाओ के कर्ता के साथ 'ने' का प्रयोग नहीं होता। जेसे- वह गाली बका। वह बोला। वह मुझे भुला।

(ग) संयुक्त क्रिया का अंतिम खंड यदि अकर्मक हो तो उसके कर्ता के साथ 'ने' का प्रयोग नहीं होता है। जेसे- मैं खा चूका।

 कर्ता कारक के उदाहरण:-

  • राहुल ने पानी पिया।
  • विवेक स्कूल गया।
  • गीता खाना बना रही है।
  • गणेश ने किताब पढ़ी।
  • बच्चे खेल रहे है।
  • किसान हल चला रहा है।
  • उन्होंने फिल्म देखी।
  • मैने चाय बनायीं।
  • पुलिस ने चोर को पकड़ा।
  • मोहन ने खाना खाया।

2. कर्म कारक ( Accusative Case )

⏩जिस पर कार्य होता है या जिसपर क्रिया का फल पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'को' है। जेसे- राम ने रावण को मारा। यहाँ 'रावण को' कर्म है। 

कर्म कभी-कभी अपने प्रत्यय के बिना भी आता है। जेसे- गीता फल खाती है। गनेश रोटी खाता है। बिना प्रत्यय का कर्म साधारणतः बेजान होता है।

कर्म कारक के उदाहरण:-

  • गणेश ने गीता को बुलाया।
  • मैंने पिताजी को प्रणाम किया।
  • शिक्षक ने छात्र को पिटा।
  • पुलिस ने चोर को पकड़ा।
  • माँ ने बच्चे को कहानी सुनाई।
  • पिता ने बच्चे को पेसे दिए।
  • मेने सोनू को फ़ोन दिया।
  • माँ ने गाय को खाना दिया।
  • नर्स ने मरीज को इंजेक्शन लगाया।
  • पुलिस ने सराबी को जेल भेजा। 

3. करण कारक ( Instrumental Case )

जिससे कार्य होता हो, उसे करण कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'से' है। जेसे- श्याम कलम से लिखता है।

करण कारक के उदाहरण:-

  • मुझे उससे प्यार है।
  • उसे मुझसे नफरत है।
  • वह पढ़ाई से परेशान है।
  • वह खेल से खुश है।
  • तुम उससे खुश हो।
  • वह मुझसे नाराज है। 
  • मैं कलम से लिखता हूँ।
  • वह चम्मच से खाना खाता है।
  • माँ हाथ से रोटी बनती है।
  • पापा ने बेल्ट से पिटा।

4. सम्प्रदान कारक ( Dative Case )

⏩जिसके लिए किया जाए, उसे संप्रदान कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'को' और 'के लिए' है। जेसे- शिष्य ने अपने गुरु के लिए सब कुछ किया। गरीब को धन दीजिये।

सम्प्रदान कारक के उदाहरण:-

  • मैने रमेश को किताब दी।
  • माँ ने बच्चे को दूध पिलाया।
  • पापा ने मेरे लिए फ़ोन ख़रीदा।
  • मैंने दोस्त के लिए उपहार लिया।
  • हमने गरीबो के लिए खाना बनाया।
  • मैने माँ के लिए घर बनाया।
  • शिक्षक के विद्यार्थियों के लिए नोट्स बनाये।
  • दादा ने बच्चो के लिए खिलोने बनाये।
  • भाई ने बहन को गिफ्ट दिए।
  • बहन ने भाई को राखी बाँधी।

5. अपादान कारक ( Ablative Case )

जिससे किसी वस्तु को अलग किया जाए, उसे अपादान कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'से' है। जेसे- वह अपने क्लास से बाहर आया। पेड़ से पत्ता गिरा। 

अपादान कारक के उदाहरण:-

  • खाना थाली से गिर गया।
  • वह घर से स्कूल गया।
  • रमेश गाँव से शहर गया।
  • बच्चे माँ से दूर चले गए।
  • लड़का छत्त से गिर गया।
  • पानी गिलास से गिर गया।
  • रमेश अपने दोस्त से अलग हो गया।
  • विवेक मुझसे बात नहीं करता।
  • दोस्त ग्रुप से अलग हो गए।
  • वह अंधेरे से दर गया।

6. संबंध कारक ( Genitive Case )

जिससे किसी वस्तु का संबंध हो, उसे संबंध कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'का', 'की', और 'के' है।
जेसे- रहीम का माकन छोटा है। संबंध का लिंग-वचन संबंध वस्तु के अनुसार होता है। जेसे- रहीम की कोठरी, रहीम के बेटे। सर्वनाम में संबंध में 'का', 'की', 'के' प्रत्यय का रूप 'रा', 'री', 'रे' या 'ना', 'नी', 'ने' भी होता है। जेसे- मेरा लड़का, मेरी लड़की, मेरे लड़के या अपना लड़का, अपनी लड़की, अपने लड़के। 

संबंध कारक के उदाहरण:-

  • यह पापा का घर है।
  • यह भारत का झंडा है।
  • श्याम का मकान बड़ा है।
  • ये बच्चो के खिलोने है।
  • गाँव के लोग मेहनती है।
  • गाँव के लोग दयालु है।
  • यह माँ के हाथ की रोटी है।
  • वह सीता के कपडे है। 
  • वह बहन की किताब है।
  • यह मेरे दोस्त की बाइक है।

7. अधिकरण कारक ( Locative Case )

जिससे क्रिया का आधार जाना जाए, उसे अधिकरण कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'में' और 'पर' है। जेसे- लड़का घोड़े पर बेठा है। वह अपने कमरे में बेठा है।

अधिकरण कारक के उदाहरण:-

  • रमेश बस में बेठा है।
  • किताब मेज पर रखी है।
  • पानी बाल्टी में है।
  • लड़का पेड़ पर चढ़ा है।
  • बच्चे छत्त पर खेल रहे है।
  • बन्दर पेड़ पर बेठे है।
  • तस्वीर दिवार पर टंगी है।
  • वह पलंग पर सो रहा है।
  • कबूतर आसमान में उड़ रहा है।
  • चाभी जेब में है।

8. संबोधन कारक ( Vocative Case )

जिससे किसी को पुकारा या संबोधित किया जाए, उसे संबोधन कारक कहते है। इसकी विभक्ति 'अरे', 'हे' आदि है। जेसे- अरे भाई! जल्दी आओ। हे राम! दया करो।

संबोधन कारक के उदाहरण:-

  • अरे गणेश, तुम कब आए?
  • है भगवान, मुझे शक्ति दो।
  • भाई, जरा रुको।
  • माँ, मुझे भूख लगी है।
  • बच्चो, ध्यान से सुनो।
  • गुरूजी, आशीर्वाद दीजिए।
  • दोस्तों, चलो घुमने चलते है।
  • अरे दोस्त, मदद करो।
  • बहन, जरा किताब देना।
  • अरे दोस्त, क्या हाल है।

कर्म और सम्प्रदान कारक में अंतर 

कर्म और सम्प्रदान दोनों कारको में 'को' चिन्ह का प्रयोग होता है पर दोनों का अंतर स्पष्ट है। 
⇒कर्म कारक की विभक्ति कर्म में लगती है और कर्म पर क्रिया का प्रभाव पड़ता है। किन्तु 
⇒ सम्प्रदान कारक की विभक्ति संज्ञा में लगती है और इसके उपर क्रिया का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है, बल्कि क्रिया उसी के लिए सम्पादित की जाती है।
जेसे- 
  • राम ने श्याम को मारा।  (कर्म कारक)
  • राम ने श्याम को किताब दी।  (सम्प्रदान कारक)

करण और अपादान कारक में अंतर 

करण और अपादान दोनों कारको में 'से' चिन्ह का प्रयोग होता है किन्तु इस दोनों में मूलतः अंतर है।
⇒ करण क्रिया का साधन या उपकरण है। कर्ता कार्य संपन्न करने के लिए जिस उपकरण या साधन का प्रयोग करता है, उसे करण कहते है। जेसे- मैं कलम से लिखता हूँ।
यहाँ कलम लिखने का उपकरण है अतः कलम शब्द का प्रयोग करण कारक में हुआ है।
⇒ अपादान में अपाय ( अलगाव ) का भाव होता है। जेसे- पेड़ से पत्ता गिरा।

कारक के 100 उदाहरण:-

  1. घनश्याम ने आम खाया।
  2. गीता ने रोटी बनाई।
  3. सीता ने गीत गाया।
  4. मेने खाना खाया।
  5. गाय ने घास खाई।
  6. पिता जी ने बाईक चलाई।
  7. माँ ने खाना बनाया।
  8. रमेश ने भजन गाया।
  9. गणेश ने खाना खाया।
  10. विवेक ने ब्लॉग लिखी।
  11. गणेश ने राम को बुलाया।
  12. मैंने माताजी को प्रणाम किया।
  13. शिक्षक ने छात्र को पिटा।
  14. पुलिस ने चोर को पकड़ा।
  15. माँ ने बच्चे को कहानी सुनाई।
  16. पिता ने बच्चे को पेसे दिए।
  17. मेने सोनू को फ़ोन दिया।
  18. माँ ने गाय को खाना दिया।
  19. नर्स ने मरीज को इंजेक्शन लगाया।
  20. पुलिस ने सराबी को जेल भेजा। 
  21. मैं कलम से लिखता हूँ।
  22. तुम हाथ से खाते हो।
  23. राम ने पेंसिल से चित्र बनाया।
  24. बच्चे खिलोने से खेलते है।
  25. माली ने केंची से फुल काटा।
  26. वह मुझसे नाराज है। 
  27. मैं कलम से लिखता हूँ।
  28. वह चम्मच से खाना खाता है।
  29. माँ हाथ से रोटी बनती है।
  30. पापा ने बेल्ट से पिटा।
  31. हमने गरीबो के लिए खाना बाटा।
  32. दादी ने पोते को कहानी सुनाई।
  33. मैंने तुम्हारे लिए खाना बनाया।
  34. उसने दोस्त को गिफ्ट दिया।
  35. वह मुझसे नाराज है। 
  36. मैने माँ के लिए घर बनाया।
  37. शिक्षक के विद्यार्थियों के लिए नोट्स बनाये।
  38. दादा ने बच्चो के लिए खिलोने बनाये।
  39. भाई ने बहन को गिफ्ट दिए।
  40. बहन ने भाई को राखी बाँधी।
  41. वह घर से बाहर गया।
  42. बच्चे कक्षा से निकल गए।
  43. किसान खेत से लौटा।
  44. वह मुझसे अलग हो गया।
  45. चोर खिड़की से भाग गया।
  46. ट्रेन स्टेशन से रवाना हुई।
  47. मैं गाँव से आया हूँ।
  48. विवेक मुझसे बात नहीं करता।
  49. दोस्त ग्रुप से अलग हो गए।
  50. वह अंधेरे से दर गया।
  51. माँ की साड़ी नीली है।
  52. गाँव के लोग अच्छे है।
  53. यह मेरे भाई का बेग है।
  54. हम भारत के नागरिक है।
  55. मेरे दोस्त की बाईक अच्छी है।
  56. यह बच्चो के खिलोने है।
  57. यह पापा का घर है।
  58. यह भारत का झंडा है।
  59. श्याम का मकान बड़ा है।
  60. वह सोनाली की किताब है।
  61. किताब मेज पर है।
  62. पानी गिलास में है।
  63. लड़के छत्त पर दोड़ रहे है।
  64. कपडे अलमारी में है।
  65. मोबाइल थेले में है।
  66. गणेश मेरे ऊपर है।
  67. किताब में दाग लगा है।
  68. वह अपने कमरे में बेठा है।
  69. कबूतर आसमान में उड़ रहा है।
  70. चाभी जेब में है।
  71. अरे राम, यहाँ आयो।
  72. रे मुर्ख, ऐसे नहीं करते।
  73. प्रिय मित्र, स्वागत है।
  74. दोस्तों, आज का विषय रोचक है।
  75. अरे दोस्तों, सुनो।
  76. भाई, पानी दो।
  77. बहन, मुझे खाना दो।
  78. अरे गणेश, तुम कब आए?
  79. है भगवान, मुझे शक्ति दो।
  80. भाई, जरा रुको।
  81. गाय खेत में घास खा रही है।
  82. पिता ने बेटे को मोबाइल दिलाई।
  83. फल पेड़ से गिरा गया।
  84. हे भारतवासियों, देश की रक्षा करो।
  85. पंखा छत्त पर टंगा है।
  86. माँ की बात हमने मानी।
  87. मोहन रास्ते में रह गया।
  88. मैंने भाई को मिठाई दी।
  89. गाड़ी सड़क पर खड़ी है।
  90. पोस्टमैन ने मुझे पत्र दिया।
  91. अरे दोस्त, बहुत समय बाद मिले।
  92. छात्र ने शिक्षक से सवाल पूछा।
  93. हमने घर से बाहर कदम रखा।
  94. पिता ने बच्चे को डाटा।
  95. बच्चो ने खिलोने से खेला।
  96. बिल्ली टेबल से कूद गई।
  97. बिल्ली की आँखे चमक रही है।
  98. यह मेरे भाई के पेसे है।
  99. हम कामयाबी की सीडी चढ़ रहे है।
  100. दोस्तों, मुझे तुमसे प्यार है।

निष्कर्ष:-

आज के इस लेख में हमने व्याकरण के एक महत्वपूर्ण विषय के बारे में पढ़ा और हमने देखा कि कारक किसे कहते हैं (Kaarak Kise Kahate Hain), कारक के भेद (Kaarak ke bhed) और 100 उदाहरण क्या हैं? आशा है कि यह लेख आपको पसंद आया। इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें और कोई सवाल है नीचे कमेंट कर सकते हैं।

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