तारे क्यों टिमटिमाते हैं? (Taare Kyo Timtimate Hai) - Study Friend

तारे क्यों टिमटिमाते हैं? (Taare Kyo Timtimate Hai)

तारे टिमटिमाते क्यों हैं? जानिए आसान भाषा में इसका वैज्ञानिक कारण, वायुमंडल की भूमिका और क्यों ग्रह नहीं टिमटिमाते। रोचक जानकारी!

रात के शांत आसमान में जब हम ऊपर देखते हैं, तो असंख्य तारे छोटे-छोटे बल्ब की तरह झपकते हुए, टिमटिमाते हुए दिखाई देते हैं। लेकिन क्या सच में तारे जल-बुझ (On-off) रहे होते हैं?

नहीं! तारे टिमटिमाते नहीं हैं, बल्कि हमें टिमटिमाते हुए दिखते हैं। अब सवाल है – ऐसा क्यों होता है?

तारे क्यों टिमटिमाते हैं?


तारों के टिमटिमाहट का कारण – वायुमंडल (Atmosphere)

जब तारों की रोशनी बहुत दूर से—लाखों किलोमीटर दूर—हमारी आंखों तक पहुंचती है, तो वह सीधे नहीं आती। उसे हमारी पृथ्वी के वायुमंडल से होकर गुजरना पड़ता है।

पृथ्वी का वायुमंडल एकदम एक समान नहीं होता। उसमें गर्म और ठंडी हवा की परतें होती हैं, और ये लगातार हिलती-डुलती रहती हैं।

क्या होता है जब रोशनी वायुमंडल से गुजरती है?

हवा की अलग-अलग परतों में प्रकाश की दिशा बार-बार बदलती है (इसे अपवर्तन या Refraction कहते हैं)।

जैसे-जैसे यह रोशनी मोड़ती है, वैसे-वैसे हमारी आंखों तक पहुंचने वाली किरणों का रास्ता थोड़ा-थोड़ा बदलता रहता है।

इसी बदलाव की वजह से कभी रोशनी तेज लगती है, कभी धीमी – और हमें लगता है कि तारा टिमटिमा रहा है।

आसान उदाहरण:

सोचिए, आप पानी से भरे बर्तन में एक सिक्का देखते हैं। पानी के हिलते ही सिक्का टेढ़ा-मेढ़ा, हिलता-डुलता नजर आता है। उसी तरह, जब तारे की रोशनी ‘हिलते हुए’ वायुमंडल से आती है, तो वह कभी तेज, कभी हल्की दिखती है।

क्या सभी तारे टिमटिमाते हैं?

हां, लेकिन... कुछ तारे ज़्यादा टिमटिमाते हैं, कुछ कम।

जो तारे क्षितिज (horizon) के पास होते हैं, उनकी रोशनी को वायुमंडल की ज़्यादा मोटी परत से होकर आना पड़ता है, इसलिए वे ज़्यादा टिमटिमाते हैं।

जो तारे सिर के ठीक ऊपर होते हैं, वे कम टिमटिमाते हैं।

ग्रह टिमटिमाते क्यों नहीं?

बहुत अच्छा सवाल!

ग्रह (जैसे – शुक्र, मंगल, बृहस्पति) हमें तारों की तरह दिखाई तो देते हैं, लेकिन ये टिमटिमाते नहीं हैं। इसका कारण है:

ग्रह हमसे तारों की तुलना में बहुत करीब होते हैं।

वे थोड़ा चौड़े आकार में दिखाई देते हैं (तारे एक बिंदु जैसे दिखते हैं)।

इसलिए उनकी रोशनी वायुमंडल से गुजरते हुए ज़्यादा स्थिर रहती है।

इसलिए आप देखेंगे कि ग्रहों की रोशनी स्थिर चमकती है, जबकि तारों की झिलमिलाहट रहती है।

FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

1. क्या तारे सच में जल-बुझ रहे होते हैं?

नहीं, तारे लगातार चमकते रहते हैं। टिमटिमाना सिर्फ एक दृष्टिभ्रम (Optical Illusion) है, जो वायुमंडल की वजह से होता है।

2. क्या अंतरिक्ष से देखने पर तारे टिमटिमाते हैं?

बिलकुल नहीं। अंतरिक्ष में वायुमंडल नहीं होता, इसलिए वहां से तारे स्थिर और साफ चमकते हैं।

3. ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते?

क्योंकि वे पास होते हैं और उनका आकार दृष्टि में थोड़ा बड़ा होता है। इसलिए उनकी रोशनी स्थिर दिखाई देती है।

4. क्या ठंडे मौसम में तारे ज़्यादा टिमटिमाते हैं?

हाँ, क्योंकि ठंड में वायुमंडल ज़्यादा अस्थिर हो सकता है, जिससे टिमटिमाहट बढ़ जाती है।

निष्कर्ष

तो अगली बार जब आप रात में तारों को देख रहे हों और वे टिमटिमा रहे हों, तो समझिए कि वो हमारी आंखों को चकमा नहीं दे रहे—बल्कि हमारी धरती का वायुमंडल उनकी रोशनी के साथ "खेल" कर रहा है।

विज्ञान को समझना जितना दिलचस्प है, उतना ही सुंदर है रात के टिमटिमाते तारे।

अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो, तो ज़रूर शेयर करें।

शुभ रात्रि 🌌✨

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